नाटक, नौटंकी का प्रचलन मनोरंजन की सशक्त विधा थी नाटक, नौटंकी का प्रचलन मनोरंजन की सशक्त विधा थी
परिवर्तन परिवर्तन
समाज से बहिष्कृत करने में भी जरा सा संकोच नहीं करते। समाज से बहिष्कृत करने में भी जरा सा संकोच नहीं करते।
समय अगर मोह न त्यागा होता तो आज शायद हम लोग एक-दूसरे का मुंह भी न देख रहे थे। समय अगर मोह न त्यागा होता तो आज शायद हम लोग एक-दूसरे का मुंह भी न देख रहे थे।
पंडित जी को ऐसा लगा जैसे शर्मा जी आसमान से उनकी नयी जैकेट को देख रहे हैं। उपेक्षित पंडित जी को ऐसा लगा जैसे शर्मा जी आसमान से उनकी नयी जैकेट को देख रहे हैं। उपेक्ष...
वह किस प्रकार की संगत में रहता है किस तरह के दोस्तों के साथ पढ़ता लिखता है या घूमता फिर वह किस प्रकार की संगत में रहता है किस तरह के दोस्तों के साथ पढ़ता लिखता है या घूम...